होली पर एक प्रार्थना
इस होली पर एक प्रार्थना हर एक बशर से करता हूँ।
अच्छी लगे आप भी करिये आशा सबसे करता हूँ।
जो शहीद हो गए देश की रक्षा हितबलिवेदी पर ,
घर मे राह देखती पत्नी बहन पिता बच्चे रोकर,
उनकी माता पत्नी परिजन को शत वंदन करता हूँ।
इस होली पर एक प्रार्थना हर एक बशर से करता हूँ।
सबके बच्चे गली गली में लेकर घूमे पिचकारी।
लेकिन हर शहीद के घर मे दुःख मातम है सिसकारी।
बूढ़ी सूखी आंखों में श्रद्धा का अंजन करता हूँ।
इस होली पर एक प्रार्थना हर एक बशर से करता हूँ।
जब ताबूत पहुंचता देखा मिली तसल्ली सब झूठी।
धीरे धीरे सभी हट गए,आशाएं प्रतिपल टूटी।
नोनिहाल बेहाल गोद मे जिनका क्रंदन लिखता हूँ।
इस होली पर एक प्रार्थना हर एक बशर से करता हूँ।
हर शहीद के परिवारों को अमित अचल सम्मान मिले।
उनके घरवालों को भी कोई अच्छा सा काम मिले।
शासन और प्रशासन से पुरजोर निवेदन करता हूँ।
इस होली पर एक प्रार्थना हर एक बशर से करता हूँ।
— आशुकवि नीरज अवस्थी