अरमानों का खून
सच पूछो तो भगत सिंह तेरे
अरमानों का खून हुआ है
तेरे बलिदान को अनदेखा किया है
तेरे खून के कतरा-कतरा को नीलाम किया है |
आजाद हिंदुस्तान के नेताजी ने
आजादी को खूब भुनाया
स्विस बैंक में खाता खुलवाया
फिर उसको भरने के वास्ते
घोटालों का रिकार्ड बनाया |
कथनी करनी में इनके अंतर
अपने ही घर में षडयंत्र रचाया
लूटकर आदिवासियों की जमीनें
वेघर उन्हें बनाया
उद्योगपतियों को आँख बंदकर फायदा पहुंचाया |
देकर जन्म लाल सलाम को
भारत माँ के सपूतों को आपस में लडवाया
आजादी की कुर्बानियों को भुलाया
सच पूछो तो भगत सिंह तेरे
सपनों का भारत बन नहीं पाया… |
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा