कविता

प्रखर राष्ट्रवादी मनोहर परिर्कर जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

हे युगपुरुष हे राष्ट्रभक्त कैसे
तुझको मैं नमन करूँ
तुम चन्दन थे भारत माता के
किन शब्दों में वंदन मैं करूँ
तुम जिये भी जितने वर्ष अभी तक
प्रतिक्षण हरपल सब अर्पित थे
भारत मां की सेवा कर तुमने
सबके जीवन को अर्थ दिए
तुम मूरत थे निष्काम कर्म की
 देशभक्त अनुरागी थे
माटी में मिल के भारत की
तुम केवल भारतवादी थे
तुम हुए ब्रह्मलीन तो क्या संदेश देश को देकर गए
बिन बोले कर्मो के द्वारा यश कथा ह्रदय में रच कर गये
मैं कहूंगा सबसे यही की तू ध्रुवतारा है भारत माँ का
जो धरती में भी जगमग था अम्बर को भी चमकाएगा.
रोहित अग्निहोत्री

रोहित अग्निहोत्री

शिक्षा- बी.काॅम. एम.ए. विता - श्री सुशील अग्निहोत्री पितामह- स्व. राजेन्द्र अग्निहोत्री 142/7, शास्त्री नगर, कानपुर ईमेल- [email protected] मो.- 7275937982, 8765163882