आतंकवाद पर कांग्रेस व सबूत गैंग की विकृत मानसिकता बेनकाब
पुलवामा की दुःखद घटना और भारत की ओर से की गयी एयरस्ट्राइक को एक माह हो रहा है तथा साथ ही लोकसभा चुनावों की गतिविधियां भी तेज हो गयी हैं। होली पर्व के अवसर पर भी पुलवामा के शहीदों को जहां नमन किया जा रहा था, वहीं वायुसेना के शौर्य व पराक्रम पर खुशी व्यक्त की जा रहीं थी। जिस समय यह उम्मीद की जानी चाहिए थी कि देशभर के नेतागण व बयानबहादुर गणमान्य लोग पूरे मन के साथ सेना के साथ खड़े होते दिखाई देंगे, उस समय इन लोगों में पाकिस्तानी पोस्टर बाॅय बनने की होड़ लगी हुई थी। वहीं होली पर जब शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना दिखाने के लिए मौन रहना चाहिए था, उस समय समाजवादी नेता रामगोपाल यादव जिनका राजनैतिक सितारा अब डूब रहा है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुूल गांधी के गुरु सैम पित्रोदा ने अपने शर्मनाक बयानों से न सिर्फ सेना का अपमान किया, अपितु अपने ही दलोें की नैया को पूरी तरह डुबाने की भूमिका तैयार कर दी है। इन बयानों से यह साफ हो गया है कि तथाकथित समाजवादियों और कांग्रेस का आतंकवाद के प्रति क्या रुख है।
अब यह समझ में आ गया है कि भारत में अब तक जितने भी आतंकवादी हमले हुए हैं उनमें इन कांग्रेसियों का कभी न कभी कोई न कोई कनेक्शन अवश्य रहा है। अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मसूद अजहर के नाम के आगे जी न लगाते और फिर उनके गुरू सैम पित्रोदा अपना भारत विरोधी शर्मनाक बयान न देते तो संभवतः लोकसभा चुनावों में कांगे्रस व उनके सहयोगियों की कुछ लाज बची रह जाती। सैम पित्रोदा के बयानों से यह साफ हो गया है कि यदि कहीं गलती से इस समय इनकी सरकार होती तो पूरा देश एक बार फिर रो धोकर बैठ जाता और कांग्रेस की सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती। आज अगर दाऊद इब्राहीम व खतरनाक आतंकी पाकिस्तान में बैठकर बिरयानी का सेवन कर रहे हैं तो उसके पीछे केवल कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। अगर कांग्रेस नेता अपना मुंह बंद रखते तो आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को कुछ सीमा तक रोका जा सकता था लेकिन अब यह संभव नहीं है।
कांग्रेस पार्टी अपनी गलतियों को सुधार नहीं रही अपितु पुलवामा को दुर्घटना करार देने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भोपाल से टिकट दे दिया है। वहीं कर्नाटक के नेता वी के हरिप्रसाद जिन्होंने पुलवामा व एयरस्ट्राइक को मैच फिक्सिंग करार दिया था को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है और अपना खतरनाक चेहरा जनता के सामने उजागर कर दिया है। लोकसभा चुनावों में आतंकवाद के नाम पर कांग्रेस व पूरा विपक्ष लगातार बेनकाब होता जा रहा है।
दूसरी तरफ बारामूला-कुुपवाड़ा संसदीय सीट से नेशनल कांफ्रेंस उम्मीदवार अकबर लोन ने अपनी रैली में पाकिस्तान के लिए नारे लगवाये और ये भी कहा कि जो लोग पाकिस्तान को एक गाली देगा उसे हम दस गाली देंगे। यह बहुत ही शर्मनाक स्थिति बनती जा रही है कि वोट के लिए अब पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगवाया जा रहा है। विदेशों में भारत के शत्रु जितने नहीं हैं अब उससे कहीं अधिक खतरनाक शत्रु तो भारत में राजनैतिक दलों के अंदर ही भरे पड़े हैं। अब भारत के विरोधी दलों के नेता पूरी तरह चीन व पाकिस्तान की गोद में जाकर बैठ गये है। यह भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही है कि चुनावों में पाक जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं और भारतीय सेना के शौर्य पर प्रश्न किये जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि ऐसे दलों के नेताओं को ही नहीं अपितु दलों का भी पूरा हिसाब कर लिया जाये।
अब यह प्रश्न भी खड़ा हो गया है कि कश्मीर घाटी में लोकसभा चुनाव क्या पाकिस्तान जिंदाबाद के नाम पर लड़ा और जीता जायेगा? भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा व स्वतंत्रता के लिए पाकपरस्त कांग्रेसी नेताओं की सोच बहुत ही विकृत व घातक है। आज की तारीख में यदि दिग्विजय सिंह, वी के हरि प्रसाद व अकबर लोन जैसे सांसद भारत की संसद में पहंुच गये तो भारत की क्या स्थिति बनेगी? अकबर लोन के बयान के बाद कश्मीर घाटी में पाकिस्तानपरस्ती पर बड़ी बहस शुरू हो गयी है।
सबसे अधिक शर्मनाक बयान सैम पित्रोदा व रामगोपाल यादव का रहा जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही एक के बाद एक कई ट्विट किये और कहा कि कांग्रेस के वफादार सलाहकार ने यह तो स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस का नेतृत्व पाकिस्तान को करारा जवाब देने में अनिच्छुक है। लेकिन नया भारत आतंकियों को उनकी भाषा में और सूद समेत जवाब देगा और देता रहेगा। उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान उन सबका अपमान है जिन्होंने कश्मीर को बचाने के लिए अपनी जान दी। पीएम मोदी ने आम जनता से अपील की कि वे विपक्षी नेताओं से उनके बयानों को लेकर सवाल पूछें। उन्हें बता दें कि लोग उन्हें माफ नही करेंगे। सोशल मीडिया में अब ‘मैं भी चैकीदार’ के बाद ‘जनता माफ नहीं करेगी’ खूब ट्रेंड कर रहा है।
आज सैम पित्रोदा के बयान का ही असर है कि देश भर की विरोधी पार्टियों के नेता अपने दलों को छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं तथा यह सिलसिला काफी तीव्रता से चल रहा है। दूसरे दलों के समझदार नेता व कार्यकर्ता अपने दलों से विमुख हो रहे हैं। इन सभी नेताओं को लग रहा है कि अब जनता मसूद अजहर जी और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले तथा सेना के शौर्य पर सबूत मांगने वाले लोगों को जनता माफ नहीं करेगी। सबसे दुखद बात तब और हो गयी जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा और विपक्ष में अंतर स्पष्ट है। हम सेना पर गर्व करते हैं और वे सेना पर संदेह करते हैं। उनका दिल आतंकियों के लिए धड़कता है और हमारा तिरंगे के लिए। कांगे्रस पार्टी ने सेना के शहीदों व पराक्रम का घोर अपमान किया है, अतः कांग्रेस को देश की सेना व देश से माफी मांगनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया है और अपनी स्थिति देश की सेना व जनता के समक्ष प्रस्तुत कर दी है। अब इन दलों को लोकसभा चुनावों में कतई माफ नहीं करना चाहिए। आज सैम पित्रोदा के कारण कांग्रेस का उसी प्रकार से सफाया हो सकता है जिस प्रकार से 2014 में हुआ था। अभी तक कांग्रेस पार्टी उठ नहीं पा रही है।
सबसे बड़ी बात यह है कि शिवसेना ने भी सामना के माध्यम से सैम पित्रोदा को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए लिखा है कि सैम को विदेशी समाचार पत्र नहीं अपितु स्वदेशी समाचार पत्र पढ़ना चाहिए। सामना में लिखा गया है कि पाकिस्तान अब देश नहीं रहा अपितु वैश्विक आतंकवादियों का गढ़ बन गया है। इस अड्डे को ध्वस्त करके हिंदुस्तान को सुरक्षित रखना ही हमारी सेना का कर्तव्य है। सेना के हवाई दल ने हमला किया और 300 आतंकवादी मारे गये। पाक पर हुआ हमला जरूरी ही था और यदि जरूरत पड़ी तो इससे भी बड़ा हमला किया जायेगा।
— मृत्युूंजय दीक्षित