मोहब्ब्त हुई क्या
तुमको मोहब्ब्त हुई क्या ??
हाँ ,हुई है …..
किससे हुई ??? मुझसे हुई???
नहीं ,तुमसे नहीं हुई …
तो किससे हुई बोलो ??
बोल दूँ क्या….
हाँ, हाँ बोलो भी ???
मुझको मोहब्ब्त हुई हैं …..
तेरी मासूम आंखों से,
जिनमें प्यार ही है ।
तेरे भोले चेहरे से ,
जो हरदम दमकता है ।
तेरी मासूमियत से हुई ,
जो तुझमें दिखती है ।
तेरी हर उस अदा से ,
जो मुझे लुभाती है ।
तेरी प्यारी बातों से,
जो मुस्कान मुझे देती हैं।
तेरे मुस्कान से है मोहब्बत,
जी खुशी देती मुझे है ।
तेरे उस साथ से है ,
जो गम भुला देता है मेरे ।
तेरी हर अदा से है मोहब्बत ,
हर अदा खुशियां है मेरी,
तेरे चेहरे से नही है,
तेरी प्यारी सीरत से है ।
हाँ , तेरी हस्ती से मुझे,
हो गई मोहब्बत बेपनाह,
तुझे पाना नही है मुझे,
तेरा साथ चाहिए मुझे ,
तेरे साथ से मोहब्बत है,
तेरी खुशियों से है मोहब्बत ।।
सारिका औदिच्य