अधिकार
अधिकार
नक्सली हमलें में एक नेता के साथ उसके चार सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने के बाद नजदीक के गांव में ख़ौफ़ , दहशत का वातावरण हो गया है ।
आज चुनाव है राज्य में तो उस गांव के घर का कोई भी व्यक्ति वोट डालने नही जा रहा है नक्सलियों के ख़ौफ़ के कारण ।
” तू कहाँ जा रही बींदणी …?
” मैं अपना वोट देने जा रही हूँ आज चुनाव है ।
वोट डालना मेरा अधिकार है ।
चुनाव सिर्फ चुनाव नही लोकतंत्र का त्योहार है।
पूरे चुनाव स्थान पर वो एक अकेली घूंघट में गर्व से वोट दे रही है ।
बाहर से एक स्वर से आवाज़ आई ” “” ये लोकतंत्र का त्योहार है हम सभी इसको मनाएंगे , किसी से नही डरेंगे “”।
सारिका औदिच्य