याद आते रहेंगे
तुम्हारे मिलन के मधुर क्षण सुहाने,
सदा ही प्रिय , याद आते रहेंगे।
कभी गीत गाकर नयन को चलाना।
कभी पास आकर पुनः भाग जाना।
कभी खिलखिला कर हृदय को रिझाना।
कभी देखा मौसम मनोरम सुहाना।
मचलते हुए दूर जाकर बुलाना।
कभी फिर हंसाकर हृदय को दुखाना।
तुम्हारे विरह में सपन रोज डूबे।
मुझे यों रिझाते रूलाते रहेंगे।।
कभी अंजनों से नयन को सजाना।
कभी कुन्तलों में चमेली खिलाना।
कभी लालिमा को अधर में मिलाना।
कभी रूठ जाना, कभी मुस्कुराना
कभी दूर जाकर नयन को छिपाना।
तुम्हारी मधुर कल्पना के सपन।
जिन्दगी में प्रिये । हम सजाते रहेंगे।।
कभी साथ संगिनी सहेली बुलाना।
कभी रूठने पर अकेले ही आना।
हदय को दुखाकर पुनः लौट जाना।
कभी फिर हंसी में खुशी का मिटाना।
कभी पास आकर अकेले चिढ़ाना।
कभी फिर रूलाकर नयन को मिलाना।
तुम्हारे रचाये गये खेल सारे।
नयन को रूलाते हंसाते रहेंगे।
सदा ही प्रिये याद आते रहेंगे
— कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजारों
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
246171