गीत/नवगीत

स्वयं का आंकलन

नाम कमाया क्या समाज में हासिल किया मुकाम कौनसा
ये रखता महत्व जीवन में कितनी पाई कहाँ सफलता।

अगर नाम पहचान सही हो सभी हैं पलकों पर बैठाते
खास नहीं यदि आम आप हैं तो आंखों से हैं गिर जाते
गिरकर उठना उठकर गिरना जीवन इसी राह पर चलता।
ये रखता…..

जिसने नज़ाकत वक्त की समझी वह जीवन में आगे निकला
वक्त को जो भी समझ न पाया वही समझ से सबकी फिसला
नब्ज़ पकड़ ली वक्त की जिसने वक्त गोद में उसकी पलता।
ये रखता…

नब्ज़ वक्त की पकड़ो और मुकाम को अपने पहले जानो
सब कुछ छुपा है तुम में ही बस अपने को ही खुद पहचानो
याद रहे जो ढले शाम को सूर्य वही फिर सुबह निकलता।
ये रखता….

—- डॉ माधवी कुलश्रेष्ठ

डॉ. माधवी कुलश्रेष्ठ

पिता का नाम स्व . श्री हरेंद्र पाल कुलश्रेष्ठ पति का नाम श्री अरविन्द कुलश्रेष्ठ वर्तमान पता सी -14 न्यू आगरा फोन न . 9412426559 8218644036 ;8193909436 शिक्षा . एम॰ ए एम .एड पी .एच डी . (हिन्दी ..मनोविज्ञान इतिहास और संगीत गायन ) व्यवसाय - प्रधानाचार्य काव्य कलश सम्मान , भाव-भूषण सम्मान , और भी कई शाखाओं में उच्च पदों पर रहकर समाज सेवा कर रही हूँ लेखन कार्य भी करती हूँ । साझा संकलन भी छप चुके हैो