समाचार

स्त्री ही दोषी क्यो पुस्तक का लोकार्पण

उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के शिक्षाशास्त्र विभाग में अध्ययनरत छात्राध्यापिका “दीपा दिवाकर” द्वारा रचित वर्तमान समाज में स्त्रियों के परिस्थिति को दर्शाती हुई “स्त्री ही दोषी क्यों” नामक पुस्तक का लोकार्पण आज विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुआ।।
उपरोक्त पुस्तक में लेखिका द्वारा उन सभी तथ्यों को उद्धृत करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है ,जो समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार या शोषण या अन्य किसी भी प्रकार से हो रहे दुर्व्यवहार के लिए उत्तरदायी हैं।
पुस्तक का लोकार्पण विश्वविद्यालय के कुलपति देवीप्रसाद त्रिपाठी जी के साथ समारोह के मुख्यातिथि जनमेजय खण्डूरी (S.S.P), कुलसचिव गिरीशकुमारावस्थी ,एवं डॉ. शैलेश तिवारी, डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी, प्रो. भोला झा , इन सभी महानुभावों के करकमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ. बिन्दुमति द्विवेदी, प्रो. मोहनचन्द्र बलोदी ,डॉ.अरविन्द नारायण मिश्र, डॉ. प्रकाश चन्द्र पन्त, डा.सुमनप्रसाद भट्ट , डा. मीनाक्षी सिंह, ललित मोहन जोशी, वेदमित्र वेदालंकार,मनोज मिश्रा, रामचन्द्र ममगाँई “पंकज”, प्रमोद जोशी , नितेश खन्तवाल,मीनाक्षी यादव निधि धपोला, ज्योति राठौर, सहित विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक एवं छात्र समुपस्थित थे।
संवादप्रदाता = ramchandra mamgain pankaj

रामचन्द्र ममगाँई पंकज

नाम- रामचंद्र ममगाँई । साहित्यिक नाम-पंकज । जन्मतिथि- 15 मई 1996 पिता का नाम- श्री हंसराम ममगाँई। माता का नाम- श्रीमति विमला देवी। जन्म स्थान-घनसाली टिहरी गढवाल उत्तराखंड। अस्थायी पता - देवपुरा चौक हरिद्वार उत्तराखण्ड। स्थाई पता- ग्राम मोल्ठा पट्टी ढुंगमन्दार घनसाली जिला टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड पिन को- 249181 मो.न. 9997917966 ईमेल- [email protected] शिक्षा- शास्त्री और शिक्षाशास्त्री रचना साझा संकलन 1 अनकहे एहसास 2. एहसास प्यार का विशेष - चित् तरंगिणी त्रैमासिक पत्रिका का मुख्यसम्पादक । हिन्दी व संस्कृत के विभिन्न विषयों पर लेख व कविता अनेक पत्रिकाओं व अखबार में प्रकाशित ॥