गीत/नवगीत

सुगत सवैया छंद गीत- आँसू

करें व्यथित मन के भावों को ,पीर हृदय की जब पढ़ते हैं ।
बह जाते है अनायास ही ,आँसू जब मुझसे लड़ते हैं ।
हाँ मेरा आमंत्रण ही तो ,असमय उन्हें बुला लेती हूं ।
और नयन का द्वार खोल कर ,गालों पर सहला लेती हूं ।
आँसू भी उद्वेलित होकर ,बनते लहर उछल पड़ते हैं ।
बह जाते है अनायास ही ,आँसू जब मुझसे लड़ते हैं ।
कह दूँ किससे हृदय वेदना ,अकसर आँसू पी जाती हूँ ।
मटमैला सा स्वाद कसैला ,पीकर भी मैं जी जाती हूँ ।
करूँ मोल क्या इन आँसू का ,हैं अनमोल निकल पड़ते हैं ।
बह जाते है अनायास ही ,आँसू जब मुझसे लड़ते हैं ।
रीना गोयल ( हरियाणा)

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर