किताब
मेरे दिल की किताब पढ़ ले
जिंदगी संवर जाएगी
किताबो में छुपा रखी
तेरे मेरे प्यार की बाते
मरते दम कह जाएगी
बतला जाएगी
मुलाकात की बाते
सब्र कर ऊपर वाला देख रहा
खुशबुओं से मुलाकात कर
बातेँ प्यार की फिर से महक जाएगी
भले ही इस जन्म में
तुम हो न सके हमारे
पुनर्जन्म में यही बात दोहराई जाएगी
ये बात किताबो में लिख कर जा रहा हूँ
फुरसत में पढ़ लेना
जब यादों का तूफान तेरे नजदीक से
गुजर जाए कभी
— संजय वर्मा “दृष्टी “
मनावर (जिला धार )