मतदान करने चलो
बाहर निकलो घर से
मतदान करते चलो
अपने दम पर नये
कर्मठ सरकार बनाते चलो।
खूबसूरत लोकतंत्र का
तुम ही निर्माता हो
प्रगति के पथ का
तुम ही मार्ग दर्शक
लोकतंत्र के पावन पर्व में
अपना कर्तव्य निभाते चलो।
एक भी लोग न छुटने पाए
ऐसा प्रेम दिखाते चलो
अपने नेकियो से तुम
नेक संदेश घर-घर पहुँचाते चलो।
बुढे, युवाओ और महिलाओ को
सुगमता से मतदान करवाते चलो
मजबूत देश और विकसित राष्ट्र
का भागीदार बनाते चलो।
कर्म प्रधान अव्वल हिन्दुस्तान
जन-जन के लिए बनो महान
जन सेवा परम-पुण्य
आस्था और विश्वास से
लोकतंत्र का मान-सम्मान बढाते चलो।
— आशुतोष