डिजिटल इंसान
फिसलते नीयत का बोलवाला
जिधर देखो नजर आए घोटाला।
सादा जीवन नेक संदेश
सब चढ गए विलासिता की भेंट।
स्वार्थी बोल स्वार्थी भाषण
जिधर देखो मिल जाते
पार्टी कोई हो सब मिल-बाँटकर खाते।
जबसे आया डिजिटल इंडिया
सब हैक हो जाता
जब तक पता चलता
शाॅपिंग हो जाता ।
अब तो लोग भी हैक होने लगे
मोबाइल पर बात और मजे करने लगे।
यह कैसी धुन
सबका अपना ही सुर ।
वेरंग सा माहौल बना
सब चिड़चिड़ा बना।
तभी तो उल्टे बोल
अपनी ही ढोलक अपनी ही बोल।
— आशुतोष