कविता

कविता – विछोह की पीड़ा

पता नही किस शहर में,
किस गली तुम चली गई।
मै ढूँढ़ता रह गया,तुम छोड़ गई ।
पता नही हम किस मोड़ पर
फिर कभी मिल पाएँगे ।
इस अनूठी दुनिया में फिर
किस तरह से संभल पाएँगे ।
पता नही तेरे बिन हम,
जी पाएँगे या मर जाएँगे ।
हम बिछड़ गए उस दिन,जिस दिन
तुम मुझसे मिलने वाली थी
मै तुमसे मिलने वाला था ।
इस अंधी दुनिया ने कभी
हमको समझा ही नही ।
काश समझ पाती दुनिया,
तो हम कभी बिछड़ते ही नही ।
प्यार करते थे हम तुमसे,
पर कभी कह ही न पाएँ ।
आज भी सोचता हूँ की,
काश वो दिन वापस लौट आए ।
बहुत समय लगा दिया हमने इजहार में ।
कब तक भटकेंगे हम तेरे इन्तजार में ।
हम बिछड़ गए थे उस दिन,जिस दिन,
तुम मुझसे मिलने वाली थी,
मै तुमसे मिलने मिलने वाला था ।
सौरभ कुमार ठाकुर 

सौरभ कुमार ठाकुर

बाल कवि & लेखक ग्राम- रतनपुरा, डाकघर-गिद्धा, थाना-सरैया, जिला-मुजफ्फरपुर, राज्य-बिहार, पिन कोड- 843106, देश-भारत मो0- 8800416537