वो कर ही दिखलाएगा
कोशिश करना मुश्किल
है नामुमकिन कुछ न हो पाएगा ।
राह मिले ना भले तुझे
पर पथ पे आगे बढ जाएगा।
कांटो की परवाह को
छोड़ फूलों को चुनता
जाएगा ।
सागर जैसा आगे बढ़ता
तू निरंतर ही बहता
जाएगा ।
बीज लगाया है जैसा
तूने वैसा ही फल तू
पायेगा ।
जो बीत गया सो चला
गया अब नया सवेरा
आएगा ।
मुझे यकीन है तुझ पर
कि तू खाली हाथ न
आएगा ।
कहते हैं सब इस बार
यही कि वो कर ही
दिख लाएगा ।
आशीष तेरे संग में
है सबका तू जीत के
ही घर आएगा ।
— शालू मिश्रा