सामाजिक

हेलमेट : हमारी सुरक्षा, हमारे हाथ

आजकल अधिकतर युवा बाइक चलाते समय यातायात नियमों का ज़रा सा भी पालन नहीं करते हैं।याद रखना मौत हमेशा युवाओं को ही मोहब्बत भरी नजरों से देखती है।कब कोई युवा जोश में अपना होश खो दे।और मेरे गले लग जाये।घर से निकलते समय हेलमेट नहीं लगाएंगे,कहीं उनका हेयरस्टाइल न ख़राब हो जाये।जब कि ज्यादा तर मौतें हेलमेट न पहनने की वजह से होती हैं।इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता।मैंने कुछ लोग ऐसे भी देखे हैं, जो केवल पुलिस से बचने के लिए, हेलमेट साथ रखते हैं।पुलिस को देखा तो लगा लिया ,बाद में उतार दिया।आप पुलिस को नहीं ,अपने आप को,अपने माँ बाप को,अपने बीबी बच्चों को धोखा देते हो आपकी जान आपके परिवार के लिए कितनी अमूल्य है,शायद आप ये नहीं जानते हो।एक नया प्रचलन चला है ।गाड़ी चलाते समय बहुत से युवाओं को मैंने ,सेल्फी लेते हुए देखा है।वो कैमरे के सामने देखते रहते हैं।तब तक दुर्घटना हो जाती है जल्दबाजी में हमेशा तेज गति से गाड़ी चलाते हैं।ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं।,ओवरटेक करने से दुर्घटना होने की संभावना अधिक रहती है।फोन पर बातें करते हुए ,शराब पीकर गाड़ी चलना ,ये सब तो वो अपना शौक समझे हैं।लेकिन जिस दिन मौत आती है, तो केवल शोक बचता है।:-मित्रों मैं इस आलेख के माध्यम से ये कहना चाहता हूँ। आपका जीवन अनमोल है।वाहन चलाते समय ,धूम्रपान मत करो, शराब का तो बिल्कुल ही सेवन मत करो।जल्दबाजी में अपने वाहन की गति मत तेज करो, ओवरटेक करने की कोशिश बिल्कुल न करो। यातायात नियमों का पालन करो।खुद भी सुरक्षित रहो और दूसरों को भी सुरक्षित रखो।अपने बारे में न सही लेकिन एकबार अपने माता पिता,बच्चों के के बारे में जरूर सोचो ।जिनके सारे सपने ,उम्मीदें आप हो।आप के न रहने से, उनके सारे सपने उम्मीदें और उनका हँसता खेलता हुआ ,बचपन सब खत्म हो जाएगा।अपने लिए न सही लेकिन ,जिन्हें आप से उम्मीदें हैं ,उनके लिए तो जीना सीखो।
— विकास शाहजहाँपुरी

विकास शाहजहाँपुरी

नाम-विकास सिंह, पिता का नाम-ओमवीर सिंह जन्मतिथि-15अगस्त1996 पता-शाहजहाँपुर ,(उप्र) पिन न0 242001 शिक्षा-बी0ए हिंदी साहित्य,अर्थशास्त्र से, वर्तमान में,:- आर्मी सोल्जर , विभिन्न समाचार पत्र,पत्रिकाओं में, प्रकाशित 200 से अधिक रचनायें,, लेखन की शुरुआत,,12 वर्ष की आयु से, प्रिय कवी:-जयशंकर प्रसाद। Email ID [email protected] मो0न0 9451721001 WhatsApp n0 9875542047 मेरी सफलता का सूत्र,, दुनियां मेरे बारे में क्या सोचती है, मैं ये नहीं सोचता हूँ, मुझे जो अच्छा लगता है, मैं वो ही सोचता हूँ।