शिक्षा एवं सामाजिक सरोकारों को समर्पित शख्सियत : डॉ. हरिसिंह गोदारा
आज जहां दुनियां में स्वार्थपरता हावी है। हर कोई केवल अपने स्वार्थ के लिए जी रहा है, वहीं इसी समाज के लिए जीने और समाज के उत्थान की सोच रखने वाले भी कुछ बिरले इंसान भी हैं जो केवल समाज को नई दिशा देने और नई सोच विकसित कर समाजोत्थान के काम में लगे रहते हैं। ऐसी ही प्रतिभा के धनी हैं डॉ. हरिसिंह गोदारा। जिनका नाम एक सच्चे और अच्छे समाजसेवक के रूप में ख्यात है। अपने सामाजिक जीवन और उच्च आदर्शों के बल पर गोदारा ने शिक्षा एवं सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान कायम की है।
डॉ. गोदारा का जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले के सिंगनोर गांव में एक सामान्य कृषक भोलाराम के यहां 20 जून 1948 को हुआ। गोदारा बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र रहे। समाज के लिए कुछ करने की सोच के साथ गोदारा श्री कल्याण कॉलेज सीकर के छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़े और निर्वाचित हुए। अपनी स्पष्टवादी और समाज हित की सोच ने उनको राजनीति में भी सफल किया। गोदारा इसी के चलते 2010 में सिंगनौर ग्राम पंचायत के सरपंच भी बने। समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति की सेवा करने की सोच और समाज के वंचित एवं निर्धन वर्ग के उत्थान और विकास के लिए हमेशा चिंतनशील गोदारा समाज में आर्थिक सामाजिक राजनीतिक न्याय से वंचित लोगों की आवाज बन कर उभरे हैं।
केजीआई प्रेरणा का केंद्र बनी
डॉ गोदारा ने सामाजिक समरसता दिखाते हुए, अपनी माता श्रीमती केसर देवी की स्मृति में केजीआई के नाम से एक प्रकल्प शुरू किया। इसमें भीमराव अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई। जिसमें अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को शैक्षणिक सहायता के साथ साथ प्रतिभाशाली छात्रों को सीकर, जयपुर और दिल्ली में कोचिंग भी करवाई जा रही है एवं बालिका शिक्षा स्वास्थ्य के लिए लाडली अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसके तहत बालिका शिक्षा एवं आर्थिक रूप से कमजोर बेटी की शादी में सहयोग किया जाता है। मानसून में अपने संस्थान व प्रधानमंत्री के संकल्प से सिद्धि के साथ मिलकर हराभरा उदयपुरवाटी के लिए 2100 पौधों का रोपण और संरक्षण का जिम्मा भी लिया गया है। इसी प्रकार सिंगनौर के मोक्षधाम में विश्राम घर बनाकर लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं समय-समय पर जयपुर,सीकर के अनुभवी डॉक्टरों की टीम से चिकित्सा कैंप, रक्तदान कैंप और युवाओं के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन,शहीद वीरांगनाओं का सम्मान,आदि कार्यक्रम करवाये जाते है। इसी के फलस्वरूप बड़ी संख्या में युवा भी संस्थान से जुड़े हैं।केजीआई क्षेत्र में एक प्रेरणा का केंद्र बन रही है।
अनेक पदों पर कार्यरत रहे
बहुआयामी प्रतिभा के धनी डॉ गोदारा मुख़्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के झुन्झुनू के सह प्रभारी,स्वाभिमान भारत ट्रस्ट हरिद्वार के जिला संयोजक,भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के 1996 से 2003 तक सदस्य रहे। एवं राज्य सरकार की पंचायत राज क्रय समिति के सदस्य,भाजपा पंचायत राज प्रकोष्ठ झुन्झुनू के सह जिला सयोंजक, भाजपा किसान मोर्चे के जिला उपाध्यक्ष सहित अनेक पदों पर रहे और अपने कार्य की अमिट छाप भी छोड़ी।
राष्ट्रपति से भी सम्मानित हो चुके है गोदारा
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर गोदारा को महामहिम राष्ट्रपति के .आर. नारायणन ने 1999 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इससे पहले 1998 में राज्य स्तर पर राजस्थान के राज्यपाल एन. के. टिबरेवाल से भी डॉ गोदारा सम्मानित हो चुके हैं। 1978 में राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशक नई दिल्ली द्वारा सर्वोच्य पदक प्रदान किया।इसके अलावा राज्य एवं जिला स्तर पर उनका अनेकों बार सम्मान हो चुका है।
अटल जी से मिली प्रेरणा
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डॉ हरि सिंह गोदारा से जब यह जानना चाहा कि आपको सामाजिक सरोकार की प्रेरणा कैसे मिली, उन्होंने बताया की 1999 में महामहिम राष्ट्रपति ने मुझे शिक्षा नवाचार के लिए पुरस्कृत किया ।इस दौरान सौभाग्य से मेरा अटल जी से मिलना हुवा।अटल जी शिक्षकों से राष्ट्र निर्माण में सहयोग का आग्रह किया था।तभी से यह सेवा भाव चल रहा है
— शम्भू पंवार