गीत/नवगीत

उम्मीद

दीप प्रेम का नहीं बुझा है ,मन में आस अभी बाकी है ।
भले छुप गया दिनकर  नभ में ,पर विश्वास अभी बाकी है ।
माना फीका हुआ व्योम यह ,रंग उतरने लगे धरा के ।
हुआ अचेतन मन हर क्षण में , मौन हुए सभी स्वर स्वरा के ।
पतझर जैसे जीवन में भी ,कुछ मधुमास अभी बाकी है ।
भले छुप गया दिनकर  नभ में ,पर विश्वास अभी बाकी है ।
अविचल,अलख निरजंन  मन पर ,क्यों भटका बनकर अज्ञानी ।
हुआ मलिन क्यों बूँद- बूँद पी ,अमृतमय गागर का पानी ।
पग पग पर है प्रभु की छाया ,यह अहसास अभी बाकी है ।
भले छुप गया दिनकर  नभ में ,पर विश्वास अभी बाकी है ।
रीना गोयल

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर