ज़ज्बात की होली
‘वो’ आज मेरे प्यार की बोली लगा गए
दौलत से मेरे ज़ज्बात की होली जला गए
वो आज मेरे प्यार की बोली लगा गए !
ख़ुशी थी साथ अपने , हर लम्हा खुशनुमा था
पर आज’वो’ हर एहसास की कश्ती डूबा गए
दौलत से मेरे ज़ज्बात की होली जला गए !
‘वो’ आज मेरे प्यार की बोली लगा गए !
उस प्यार पे यंकी था और सपना भी रंगी था
पर आज’वो’ उस ख्वाब की समां बुझा गए
दौलत से मेरे ज़ज्बात की होली जला गए !
‘वो’ आज मेरे प्यार की बोली लगा गए !
ग़म में भी मुस्कुराई अश्कों को की पराई
पर आज’वो’ मेरे मुस्कान पे ताला लगा गए
दौलत से मेरे ज़ज्बात की होली जला गए !
‘वो’ आज मेरे प्यार की बोली लगा गए !
उल्फत के डगर में अब है साथ नहीं कोई
‘वो’ मेरे हर अंदाज की अर्थी उठा गए
दौलत से मेरे ज़ज्बात की होली जला गए !
‘वो’ आज मेरे प्यार की बोली लगा गए !