जय श्री राम
बस एक शब्द बसे जिसमें सभी तीरथ व चारों धाम
सभी संताप मिट जाते जो हृदय से ले लो उनका नाम
वो रक्षक है मर्यादा के और भक्तों के वत्सल हैं
कहो श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
उन्हीं के नाम से कायम यहां आधार सदियों से
उनके नाम से जग का हुआ उद्धार सदियों से
कई महिमा दिखाए हैं उनके नाम ने सुन लो
जग को राह मर्यादा की दी है राम ने सुन लो
उनके नाम ने जग का किया आसान है हर काम
कहो श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
जग की हर एक बात हरेक अंदाज उनसे है
जिसने मोहा सबका मन राम राज उनसे है
उन्हीं का नाम लगता है चारों धाम सा जग में
हुआ कोई न, होगा न अपने राम सा जग में
उन्हें ही जपता हूं सुबह उन्हीं को जपता हूं मैं शाम
कहो श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
विक्रम कुमार
मनोरा
वैशाली