प्यारा देश
यह है प्यारा भारत देश,
कोने कोने में यहाँ विशेष,
महापुरुषों की स्मृतियाँ अवशेष,
प्रतिमान यहाँ है कितने शेष।
यहाँ की मिट्टी सोना उगले,
उगले हीरा मोती है,
यहाँ उजाला होने में,
रात कभी न होती है।
अर्जुन अभिमन्यु योद्धा जन्में,
चाणक्य जैसे यहाँ थे ज्ञानी,
अनगिनत वीर सावरकर जैसे,
कोई नहीं विश्व में सानी।
सबका वर्णन करने में,
बीत जाएंगी सदियों कितनी,
गाथाएँ न होगी कम,
छोटी पड़ेगी कागज़ इतनी।
सतयुग द्वापर त्रेता युग में,
हर युग में प्रभु अवतार लिए,
सब की रक्षा करने को,
दुष्टों का संहार किए।
तात की आज्ञा मान प्रभु,
वनवास गए थे चौदह साल,
गद्दी मिलने पर भी भाई भरत ने,
गद्दी का बिल्कुल न किया ख़्याल।
रामायण गीता जैसा पवित्र ग्रंथ,
दुनिया में शायद न होगा,
धर्म के रक्षा ख़ातिर कोई,
अपनों का न नाश किया होगा।
गर्व हमें है बहुत अधिक,
इस पावन भू पर जन्म लिया,
भारत की धरती ऐसी,
कृष्ण ने यहाँ उपदेश दिया।