जीवन
जीवन का तो अर्थ यही है
हंसते हंसते जी ले हम
मुझे नहीं चाहिए सुख सुविधा
समृद्धि या अचल सम्पत्ति।
मैं जीवन में ये कर पाओ
रहे सभी के प्रति दया और करुणा
जो करा सके अनुभूतियां
पीड़ितों की व्यथा की।
मैं जीवन में बस यही चाहता
मुझ में धैर्य बना रहे
कभी किसी का दिल न दुखाओं
और रहूं मर्यादा में।
— कालिका प्रसाद सेमवाल