माँगे (कविता)
हक के लिए आवाज उठाया तो सही,
आवाज में हमारे वजनदारी चाहिए।
देश हमारा प्यारा, श्रेष्ठ और सच्चा है,
बस देशवाशियों में भी ईमानदारी चाहिए।
भ्रष्टाचार अभी चरम सीमा पर है,
बस हमें सच्चे अधिकारी चाहिए।
आरोपियों को कड़ी-से-कड़ी सजा मिले,
जल्द-से-जल्द हमारी माँग पूरी चाहिए।
आरोपियों को सजा दे सकें हम,
हमे भी ये हिस्सेदारी चाहिए।
सारे-के-सारे देशवासी एकजुट हो,
अब नही हमें वो गद्दारी चाहिए।
हम किस तरह सुरक्षित रह सकते हैं,
इस बात की हमें समझदारी चाहिए।
अपराधों को खत्म करते हुए,
भारत माता हमे अब प्यारी चाहिए।
— कवि सौरभ कुमार ठाकुर