किसे मै बताऊं
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किसे मैं रूलाऊं किसे मैं हंसाऊं,
रहा दूर तुमसे किसे मैं बताऊं।।
हंसी आज रोदन खुशी दूर मुझसे,
जलाती है जीवन उषा नित्य मेरा,
हंसी कर रही यामिनी आज मुझसे,
न लाती विभा किन्तु लाती अंधेरा,
जला आज जीवन,जली आज आशा,
न आया कभी किन्तु पुलकित सवेरा
बिछा आंसुओं की नवल झील सा
यह गीत गा कर किसे मैं सुनाऊं।
न भूलो कभी किन्तु जीवन कहानी,
नहीं आज सपने नहीं वह रवानी,
पुलक आज पड़ते नहीं रोम मेरे,
थिरक डूब जाती है आशा सुहानी।
बुझाओ न दीपक, जलाओ न जीवन,
नहीं भूल सकती प्रणय की निशानी।
कहां दूर मुझसे कहां दूर तुमसे,
पुकारूं तुम्हें मैं नयन में बसाऊं।
चलो तुम बढ़ो तुम, कभी पास होना,
यही आशा जीवन, पड़ा आज रोना
बुझाये न बुझती कसक तीव्र मेरी,
पड़ा है पलक को विवश हो भिगोना,
न भूलें कभी याद तेरी मयूरी,
लगा आज मुझको कठिन गूढ़ टोना।
किसे मैं पुकारूं ,किसे मैं बुलाऊं,
पड़ी दूर तुमसे किसे मैं रिझाऊं।।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
246171