सामाजिक

भारत के स्वर्ग कश्मीर से धारा ३७० हटी

कल ‘वर्ल्ड फ़्रेंडशिप डे’ पर एक विचार मन में आया कल हमनें सोशल मीडिया पर तो एक दूसरे को मैसेज किए। अच्छा किया। लेकिन सही में जीवन में सच्चे दोस्त होना जरूरी है। सुख दुख के साथी। सही राह दिखाने वाले।यानी हमारी वास्तविक दुनिया के दोस्त। जो ये सोशल मीडिया के माध्यम से भी बन सकते हैं ! तो दोस्तों,.. मां-बाप, भाई-बहन, मामा, बुआ ये सब नाना प्रकार के रिश्ते इंसान को जन्म के साथ ही विरासत में मिलते है इसमें व्यक्ति की पसंद-नापसंद नहीं होती। लेकिन “दोस्ती” का रिश्ता सबसे अलग होता है। ये इंसान खुद बनाता है, खुद चुनता है। उस पर कोई ये बंधन नहीं थोंपता.. पर कुछ दोस्त होते है जो सामने कुछ होते है और पीछे कुछ पर सच्चे दोस्त निस्वार्थ भाव से एक दूसरे के प्रति समर्पण के साथ साथ सुख दुःख में काम आने वाले “महापुरुष” सच्चे मित्र होतें हैं। बचपन से सुनता आया हुँ, भगवान जिन्हें खून के रिश्तों में बांधना भूल जाते हैं, उन्हें आपका दोस्त बनाकर वे अपनी गलती सुधार लेते हैं। वैसे तो श्रीकृष्ण-सुदामा से अशफ़ाक़-बिस्मिल तक जीने वाले भारत को दिन-विशेष की आवश्यकता तो नहीं, पर किसी भी परंपरा में यदि ऐसा कोई दिन है, तो इस दिन किसी दोस्त के ग़म बाँटें , स्नेह में ताकत है सामर्थ को झुकाने की ।
वरना “सुदामा” में कहाँ दम था श्री कृष्ण से पैर धुलवाने की, पुरानी हो गयी अब जग मे यह रीत, न राधा जैसा प्रेम मिलता न कृष्ण जैसा मीत कोई भी कार्य करने के लिए एक से नहीं होता किसी एक मित्र की ज़रूरत होती ही है, महाभारत के युद्ध में हर रथ पर सारथी थे पर अर्जुन के रथ पर सखा था, अमीरी ग़रीबी के साक्षी श्कृष्ण सुधामा जी के चरणो को धुलकर मित्रता निभाई कहेते हैं न दोस्ती की ये रस्म एक अकेले अदा नहीं होती, दोस्ती की शुरुआत ही, ’दो’ से होती है, सत्य है और आज फिर से एक बार मोदी शह की दोस्ती ने भारत में इतिहास रचदिया । तो आप सभी को फ़्रेंडशिप डे की बधाई  और समस्त भारतवासियो को अभिनंदन। संविधान की धारा 370 खत्म कर साहसिक और एतिहासिक निर्णय लेकर भारत का अभिन्न अंग जम्मू कश्मीर आज सही रूप में भारत से जुड़ा है। जो कहा वो कर दिखाया मित्रों इतिहास के पन्नों में मोदी-शाह की जोड़ी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, आज मेरा तो वोट सूद समेत वसूल हो गया

एक देश-एक विधान
जय हिंद-जय भारत
भारत माता की जय

राज मालपाणी ’राज’

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143