कविता

मेरी कहानी

मेरी जिंदगी

मैं एक औरत हूँ ,
क्या हैं मेरी कहानी,
शायद हैं,या नहीं हैं,

बचपन में अपनी चहक से,
चहकाती बाबुल का आँगन।

शादी के बाद मेरी हँसी से,
आबाद होता पिया का घर आँगन।

ढ़लती उम्र में स्नेह,प्यार से,
वृक्ष बन वंश बेल की सींचती हूँ।

बस यही है मेरी यानी ,
हर औरत की कहानी ।।।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।