दोहा
“दोहा”
कश्मीर संग देखिए, सगर हिन्द के घाट।
भेद-भावना मिट गई, खुली प्यार की हाट।।-1
जन-जीवन हर्षित हुआ, सुधरी भारी भूल।
घाटी की रौनक बढ़ी, खिले प्यार के फूल।।-2
बड़े शान से आ मिले, गले हजारों हाथ।
न्याय मिला इंसान को, झंडा डंडा साथ।।-3
लहराते हैं तरु सभी, देवदार कचनार।
फहर रहा झंडा लहर, अरु भारती विचार।।-4
बड़े गर्व की बात है, हार गया अनुबंध।
जीत हुई हैं न्याय की, बलशाली संबंध।।-5
आजादी के पर्व पर, गौतम गाए गीत।
नमन शहीदों को करे, है वीरों का मीत।।-6
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी