भाषा-साहित्य

हिंदी हमारी पहचान

हिंदी एक ऐसी भाषा जो पुरे देश को एक डोर से बांधती है।अलग अलग,भाषाओं और तौर तरीकों के बीच हिंदी सबसे ज्यादा लोगों को बांधने में कामयाब रही है। एक सुत्र है हमें बांधे रखने का,पर कहीं न कहीं थोड़ी उपेक्षित भी है।कारण भी तो हम सब ही हैं।औपचारिकता में भी हिंदी को भूलते जा रहे।हिंदी बोलने पर उसे इस नजर से देखा जाता जैसे वो अनपढ़,गंवार हो।अंग्रेजी में ज्यादा शान समझते हैं सब और धीरे -धीरे हमारी हिंदी उपेक्षा का शिकार होती जा रही कहीं न कहीं जिम्मेदार हम सब हैं। हिंदी हिंदुस्तान की भाषा है,हिंदी भारत देश की मातृभाषा है। मां के समान है फिर हिंदी बोलने में शर्म क्यों?अनेकता में एकता का स्वर हिंदी ही है, इसका सम्मान करना हम सब देशवासियों का कर्तव्य है। दुनिया भर में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है लेकिन भारत देश की मातृभाषा हिंदी दिवस 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाते है।14 सितंबर 1949 संविधान में देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को अंग्रेजी के साथ आधिकारिक भाषा के तौर पर माना गया था,इसलिए हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं ।यह फैसला प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिया था। हिंदी भाषा के महत्व को समझा और हिंदी दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो सारे देश को एक सूत्र में बांधती हैं आज भी कई जगह इसका विरोध हो रहा है। आज भी हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है।हिंदी के प्रति लोगों के  नजरिए को बदलने के लिए जन जागरूकता अभियान को बढ़ावा देना होगा। जन-जन तक हिंदी को पहुंचाने के लिए प्रचार करने की कोशिश तेज करनी होगी। हिंदी के प्रयोग  को हर जगह बढ़ावा देना होगा। हिंदुस्तान से बाहर रहने वाले और भारतीय लोग हिंदी के सम्मान में बहुत तरह का आयोजन करते हैं ।एक दिन के आयोजन और सम्मान से क्या हिंदी की दशा सुधर जाएगी? नहीं.. हमें हिंदी भाषा को बढ़ावा देना होगा । कुछ लोग अंग्रेजी में लिखकर उसे हिंदी बोल देते हैं सरकारी कर्मचारी भी हिंदी की जगह अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग करते हैं ।हर कार्यालय में ज्यादातर अंग्रेजी में ही काम होता है।अंग्रेजी भाषा का उपयोग ही हर जगह होता है। अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कार्यालय में हर जगह है। हिंदी दिवस मनाने से क्या होगा कुछ नहीं जब तक हम पुरी तरह इसे उपेक्षा से बाहर न निकाल लें। हिंदी दिवस मनाने के साथ यह प्रण लेना होगा सभी को ज्यादा जागरूक करना होगा ज्यादा से ज्यादा काम हम हिंदी में करें तभी इसे बढ़ावा मिलेगा। हिंदी में अपनत्व की भावना को बढ़ाना होगा,हिंदी दिवस के रूप में एक दिन मनाने से हिंदी जो अभी भी उपेक्षित  का शिकार है कई जगह विरोध होता आया है धीरे-धीरे शायद सम्मान अपनत्व पूरी तरह मिल जाए। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार इस के सम्मान में हिंदी दिवस के अवसर पर हम सभी ये प्रण लें ज्यादा से ज्यादा काम हम हिंदी में करें।हिंदी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए विदेशों से लोग हमारे देश का रूख कर रहे हैं और अपने ही देश में हिंदी उपेक्षा का शिकार है।हिंदी का सम्मान और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हम सब हिंदी दिवस पर इसबार ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें।
*हिंदी को उपेक्षा से बचाएं . हम सब को एक सूत्र से बांधती है जो उस सूत्र को मजबूत बनाएं*
निक्की शर्मा रश्मि

निक्की शर्मा रश्मि

मुम्बई उपसंपादक राइजिंग इंडिया टुडे मुख्य संयोजक देशांतर टुडे Paradigm Twinstar,B204, mahavir nagar, ideal park.,near Orange hospital, mira road_ E _Thane 401107 8104071235 [email protected]