दाम
उन सबके मुख पर गुस्सा यूँ खदबदा रहा था, मानों अभी वहाँ से लावे की धार फूट पड़ेगी और मिस्टर बंसल को जला कर भस्म कर देगी ।
” इसीलिए तो कहते हैं भाई साहब ! लड़कियों को लड़कों के साथ कॉलेज भेजना ठीक नहीं। दूसरी जात बिरादरी से लड़के चुन लेती हैं और अपनी जात बिरादरी में अपने माँ बाप का नाम खराब करती हैं ।”
“लेकिन गुप्ता जी! यह लड़का हमारी लड़की ने कालेज में पसंद नहीं किया है। इसे तो हमने मैरिज ब्यूरो के द्वारा सब देखभाल कर खुद पसंद किया है।”
“हे भगवान! आपको भी ये नए उम्र के लड़के-लड़कियों की तरह मॉडर्न बनने का शौक चर्राया है क्या ? हमारी बिरादरी में क्या लड़कों का अकाल पड़ गया है भाई साहब !”
“नहीं ! लेकिन उनके दाम बहुत बढ़ गए हैं ।”
— शोभना श्याम