कविता

पुकार

जन्माष्टमी पर्व की सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
कन्हैया आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।।💐💐💐

ओ धेनु चरइया कान्हा ,
माखन चोर कान्हा ,
असुरों का तुम करते ,
उद्धार कन्हैया रे,

तेरी लीला है अपरम्पार,
कैसे करूँ मैं बखान,
कम है बोल मेरे पास,
तू है इतना महान कान्हा,

गोपियों के वस्त्र हरण किये,
दिया सबक एक अनोखा,
माखन चुरा खुद खाते,
संग गोपों को खिलाते,

कंस का किया उद्धार तुमने,
छुड़ाया माता पिता को ,
बरसों बाद कारागार से,
दिया राज्य उनका उंनको,

वृंदावन में रचाते रास तुम,
बजाते मुरली मनोहर,
त्याग दिया उंनको तुमने,
मथुरा में आने पर ,

जिसने भी ध्याया तुमकों,
उसका किया कल्याण ,
द्रोपदी की लाज बचाई,
सारथी बने तुम युद्ध में,

दिया साथ सत्य का ,
सुदामा को दिया तुमने,
तीन लोक का राज्य,
मित्रता अपनी निभाई ,

तो बोलो मुरली वाले,
धेनु चरइया कन्हैया,
आज जब कदम कदम ,
पर हो रहे अन्याय है तो,

पुकार करुणामयी तुम,
सुनते क्यों नहीं हो ,
आ जाओ धरती पर ,
सभी को जरूरत है तुम्हारी,

एक बार फिर तुम करो,
पापियों का कल्याण,
सत्य की करों स्थापना,
सुनलो मुरली वाले कान्हा ।।

आ भी जाओ अब तुम,
नहीं होता इंतज़ार अब,
दर्शन करने को तेरे ,
तरस रहे है नयन मेरे।।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।