चल कैलाश पति के धाम
ॐ नाम का दर्शन होगा ,चल कैलाश पति के धाम ।
शिखर हिमालय मानसरोवर ,सम पूरण हैं चारों धाम ।
हिंदू संस्कृति का प्रतिबिंब ,कल्पवृक्ष की छाँव यहाँ ,
पवित्र रूप शिव शंकर का है, हिम शिखरों का गाँव यहाँ ।
प्रभु चरणों से गंग उतरकर ,चढि कैलाश के शीश पर ।
जटा धराया शिव शंकर ने ,दया दिखाई गिरीश पर ।
यहीं झील के तट पर साधू, कठिन तपस्या करते हैं ।
शिव शम्भू का करके दर्शन ,हिय प्रसन्नता भरते हैं ।
दुर्लभ स्थल भू का कहलाता,उद्गम जल की धार का है
कोख सम्भाले अद्भुत प्रकृति ,चित्र गजब संसार का है ।
कोई नही चढ़ पाया अब तक ,लाख जतन कर हारे सब ।
अद्भुत लीला है हरिहर की ,मन में यही विचारें सब ।
महिमा करूँ बखान मैं कैसे ,रहस्य से भरी खान है।
मोक्ष द्वार है मानसरोवर ,शिव से मिला वरदान है ।
— रीना गोयल ( हरियाणा)