क्षणिका

हिंदी हैं हम!

१.

हर तरफ हमारी हिन्दी
धूम मचाकर छू रही है
बुलंद आसमान
दूसरी ओर देश का दुर्भाग्य देखें
आज भी कई हिंदुस्तानी हैं
हिन्दी भाषा से बिलकुल अनजान।

२.

बोलीवुड ने अपनी फ़िल्मों की बदौलत
हिन्दी को विश्वस्तर तक पहुंचाने में
दिया अपना अमूल्य योगदान
हमने आधुनिकता की आड़ में
अंग्रेजी का अंधानुकरण करते
हमारी हिन्दी को कर दिया कुर्बान।

३.

हिन्दी दिवस के भव्य समारोह में
एक नेताजी ने प्रशंसा के पुल बांधे
कहा, हमारी हिन्दी हो रही है ‘ हाईटेक ‘
यही नेताजी संसद सत्र के दौरान
अंग्रेजी में प्रश्न पूछ – पूछकर
हर हिंदुस्तानी को करते हैं ‘ अपसेट ‘।

— अशोक वाधवाणी

अशोक वाधवाणी

पेशे से कारोबारी। शौकिया लेखन। लेखन की शुरूआत दैनिक ' नवभारत ‘ , मुंबई ( २००७ ) से। एक आलेख और कई लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ नवभारत टाइम्स ‘, मुंबई में दो व्यंग्य प्रकाशित। त्रैमासिक पत्रिका ‘ कथाबिंब ‘, मुंबई में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ आज का आनंद ‘ , पुणे ( महाराष्ट्र ) और ‘ गर्दभराग ‘ ( उज्जैन, म. प्र. ) में कई व्यंग, तुकबंदी, पैरोड़ी प्रकाशित। दैनिक ‘ नवज्योति ‘ ( जयपुर, राजस्थान ) में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ भास्कर ‘ के ‘ अहा! ज़िंदगी ‘ परिशिष्ट में संस्मरण और ‘ मधुरिमा ‘ में एक लघुकथा प्रकाशित। मासिक ‘ शुभ तारिका ‘, अम्बाला छावनी ( हरियाणा ) में व्यंग कहानी प्रकाशित। कोल्हापुर, महाराष्ट्र से प्रकाशित ‘ लोकमत समाचार ‘ में २००९ से २०१४ तक विभिन्न विधाओं में नियमित लेखन। मासिक ‘ सत्य की मशाल ‘, ( भोपाल, म. प्र. ) में चार लघुकथाएं प्रकाशित। जोधपुर, जयपुर, रायपुर, जबलपुर, नागपुर, दिल्ली शहरों से सिंधी समुदाय द्वारा प्रकाशित हिंदी पत्र – पत्रिकाओं में सतत लेखन। पता- ओम इमिटेशन ज्युलरी, सुरभि बार के सामने, निकट सिटी बस स्टैंड, पो : गांधी नगर – ४१६११९, जि : कोल्हापुर, महाराष्ट्र, मो : ९४२१२१६२८८, ईमेल [email protected]