लघुकथा

भाई कौन

” सुनो वो रमन है न वो अपनी सभी की उसके यहां जाने की टिकिट करवा रहा है “।
” कौन रमन ??
” वो मेरा भाई धर्म का जिसको आप जानते तो हो । यहाँ आया तो था राखी पर “।
” अच्छा वो आदमी … तो वो आदमी करवा रहा है टिकिट “।
” ये आदमी ,आदमी क्या है भाई है मेरा धर्म का सगे से बढ़कर रखता है । आदमी है तभी भाई है नही तो बहन होता अगर औरत होता तो “।
“आप भी आदमी हो तभी तो … पति का दर्जा मिला है। शादी के बाद मैंने आपके सभी ,सभी यानी सभी ( दोस्त , धर्म भाई ,बहन ) रिश्तों को अपनाया और दिल से आज शादी के पन्द्रह साल बाद तक नीभा रही हुँ । आप क्या कर रहे हो मेरे किसी भी रिश्ते चाहे खून का हो या धर्म का किसी को दिल से नही अपनाया । सुनो रिश्तों में आदमी औरत नही देखा जाता भावनाओं को देखा और महत्व दिया जाता है “।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।