धीर वीर
समय कापुरुषों का साथ कभी नहीं देता.
वे तमाम उम्र बस रोते और पछताते हैं.
धीर वीर बस जब तब दावे नहीं करते.
वे अपनी करनी से इतिहास मोड़ जाते हैं.
वीरों को कभी अंजाम डरा नहीं पाया.
उन्हें कभी दूसरों की फिक्र ने नहीं सहमाया.
वो करते हैं हमेशा अपने दिल की.
इसी नाते इतिहास उन पर इतराया
— उमेश शुक्ल