हे केशव
हे केशव, हे मधुकर, हे कृपासिंधु देवकीनंदन,
हे मुरलीधर, हे श्रीकृष्ण है तुमको शत बार नमन।
भारत भू के नायक हो तुम, अखिल विश्व के पालक हो,
मानवता के प्रतिपालक हो तुम, दुष्ट दलों के संहारक हो
प्रेम पन्थ के उन्नायक हो तुम, करुणा, दया के सागर हो
वीरों में वीर शिरोमणि हो तुम, तीनों लोक के स्वामी हो
योगिराज योगेश्वर हो तुम, समरांगण में रण विजयी हो
गीता ज्ञान के ज्योति शिखर, करता है जग तुम्हे नमन।
हे केशव…
सब श्रेष्ठ गुणों के अग्रदूत, श्रीकृष्ण आज निर्भीक सुनो
मानवता जहां कुचली जाती, दुःख कृन्दन की बात सुनो
है नही सुरक्षित गौ माता, नारी पर हो अत्याचार रहे
दुखी, दरिद्र सताए जाते हैं, अन्यायी स्वछंद हैं घूम रहे
इसलये आज धरती माता, व्याकुल कण्ठ से पुकार रही
गौ, द्विज, अबला के रक्षक, दैत्यों का शीघ्र करो दमन
हे केशव…
कालीमर्दन, कंस निकंदन, यशुदा नन्दन शीघ्र पधारो
भारत भू पर मंगल हो , दुखी जनो की व्याधि निवारो
पन्थ कुपंथ कभी न हो , सबका पथ आलोकित कर दो
गौ माता का संवर्धन हो, भारत भूमि दोष मुक्त कर दो
हर नारी देवी स्वरूपा हो, हर बालक नीति निधान बने
राधे कृष्ण का संकीर्तन हो, हो जाएं सारे व्यसन शमन।
हे केशव…