लघुकथा

लघुकथा – श्यामो देवी की पीड़ा

फोन की घंटी घनघना हुठी, श्मामो देवी हड़बड़ाहट में गैस चूल्हे की गैस बंद करना भूल गई और बेटे सुबोध से फोन पर बतियाने लगीं | आज ठीक छ: महीने बाद सुबोध का फोन आया है | उनकी मुश्किल से पाँच मिनट बात हुई होगी कि तभी चूल्हे पर रखी सब्जी लगने की बू श्यामों देवी की नाक तक पहुंच गई |
‘हाँ… बेटा! फोन मती काटियो, लगता है सब्जी जल गई है, चूल्हे की गैस बंद कर दूँ |’
जब पुनः बात शुरु हुई तो सुबोध ने अपनी माँ श्यामो देवी को सलाह दी –
‘माँ तुम घर में एक नौकरानी क्यों नहीं रख लेती, मैं पैसे तो हर महीने बराबर भेज रहा हूँ |’
श्यामो देवी कुछ बोलती तब तक उनकी आँखों से आंसू टपक पड़े, गला भर आया फिर किसी तरह अपने आपको संभालकर बोलीं –
‘बेटा… जब तुम्हारे पिताजी थे तब वे हर खुशी के मौके पर बाहर खाना खाने की जिद करते थे, पर मैं कभी उनके साथ बाहर खाना खाने नहीं गई | पता नहीं किस मन से बनाते होंगे वे लोग खाना और फिर कहते हैं ना जैसा खायो अन्न वैसा भयो मन | इसलिए मुझे किसी नौकरानी-वौकरानी के हाथ का खाना नहीं खाना |’
सुबोध बस हूँ-हाँ करता हुआ सारी बातें सुने जा रहा था | बोल कुछ भी नहीं रहा था |
‘और बता बेटा… मेरा पोता ध्रुव कैसा है, बहू कैसी है?’
‘सब ठीक हैं माँ… मैं जल्दी ही इंडिया आऊंगा तुमसे मिलने | वो थोड़ा तुम्हारी बहू की तबियत ठीक नहीं रहती है, इसलिए ध्रुव की देखभाल मुझे ही करनी होती है | अच्छा ठीक है माँ फोन रखता हूँ |’ बोलकर सुबोध ने फोन काट दिया |
बेचारी श्यामो देवी सोच रहीं थी क्या यही दिन देखने के लिए उन्होंने सुबोध को पढ़ा-लिखाकर इंजीनियर बनाया था और विदेश भेज दिया | काश अगर वे (श्यामो के पति) जिंदा होते तो इतनी घुटनभरी जिंदगी न जीनी पड़ती | बेटा पैसे भेजकर अपने कर्त्तव्य की पूर्ति कर रहा है और अपनी बीवी गौरी मैम के साथ वहीं का होकर रह गया है | तभी श्यामो देवी को चूल्हे पर रखी सब्जी की याद आई और वे खाना बनाने में लग गईं…|
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111