लेख

बलात्कार तथा शोषण के कारण

हमारा समाज आज बेहद कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है जिसके परिणामस्वरूप आज देश के सभी समुदायों में भयावह की स्थिति बनी हुयी है क्योंकि प्रतिदिन अभी भी महिलाओं तथा बच्चियों का शोषण लगातार जारी है यहाँ तक की ऐसी बच्चियों का शोषण या बलात्कार होता है जिनका ठीक से शारीरिक विकास तक नहीं हो पाता जिससे उनका सुखमय जीवन समाप्त हो जाता है वे अपने आप को समाज से बाहर कर लेती है ऐसी गंभीर परिस्थिति समाज में बहुत ही खतरनाक एक सामाजिक तथा मानसिक बीमारी है जो समाज तथा पीडित व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला कर रही है तथा वह व्यक्ति अपने आपको असहज महसूस करने लगता है वह मानसिक बीमारियों का घर सा बन जाता है और अंततः वह अपने आप को समाप्त कर लेता है तो आइये इन सब पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं ये स्थिति कैसे और क्यों आती है ।
जब कोई पुरुष किसी महिला का शोषण करता है तब महिला तथा पुरूष के दिमाग में कुछ न कुछ शारिरीक असंतुलन का कार्य जरूर चल रहा होता है अर्थात कोई भी पुरुष किसी महिला से संबंध बनाने की कोशिश तब करता है जब पुरुष के अंदर हार्मोन्स की अधिकता हो जाती है या जब पुरुष में कोई न कोई शारीरिक और मानसिक प्रकिया के द्वारा किसी महिला को देखकर हार्मोन्स की उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होती है । मेरा मतलब जब हमारे शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी या अधिकता होती है तब शारीरिक स्थिति को संतुलित रखने के लिये शारीरिक और मानसिक प्रकिया के माध्यम से स्वतः ही पूर्ति होने लगती है और हमारा शरीर स्वतः ही संतुलित हो जाता है ।
लेकिन यही प्रक्रियायें महिलाओं में कुछ धीमी गति से होती है जिसके कारण पुरुष की शारीरिक प्रक्रियाये अपने आप को संतुलित करने में असमर्थ हो जाती हैं और पुरुष महिलाओं के साथ शारीरिक तथा मानसिक प्रक्रियाये जबरन थोपने लगता है जो हवस या बलात्कार कहलाता है ।
आज हमारे देश की सभ्यता तथा संस्कृति बिल्कुल बदल गयी है हम समाज के मूल्य तथा प्रतिमानों को भूलते जा रहें हैं जो मानव सभ्यता को आजतक जीवंत रखे हुये हैं और समाज के इन्हीं मूल्यों एवं प्रतिमानों की अनदेखी में ही हम जघन्य अपराधों को जन्म देते हैं उनमें से सबसे जघन्य अपराध लड़कियों तथा महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाना ।
अर्थात जबसे हमारे देश का आधुनिकीकरण हुआ है तब से हमारे देश के नागरिकों में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिला है लेकिन ये परिवर्तन अधिकतम शहरों में देखने को मिलता है न कि गाँवों में । इसीलिये गाँव के पुरूष तो अपने आप को आधुनिकीकरण के अनुसार परिवर्तन कर लेते हैं क्योंकि पुरूषों का शहर में किसी न किसी कार्य के लिये जाना रहता है लेकिन महिलायें या बच्ची नहीं । और यही कारण है कि अधिकतर गाँव का शिक्षित पुरूष वर्ग गाँव की भोलीभाली महिलाओं तथा लड़कियों का शोषण करता है । लेकिन शोषण तो शहरों मे ही अधिकतर होता है ऐसा क्यों ।
इसलिये क्योंकि शहरों में आधुनिकीकरण के फलस्वरूप अमूलचूल परिवर्तन हुआ है अर्थात ऐसा परिवर्तन जो हमारे पर्यावरण के खिलाफ हो मतलब हमारे देश की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है और इसी जलवायु के अनुसार हमारे पूर्वज अपनी शारीरिक और मानसिक प्रकियाओं को संतुलित किये थे चाहे खान पान की बात हो या पहनावे की । ऐसे में इन लोंगो में जो टेस्टोस्टिरोन हार्मोन्स की उत्पादन क्षमता होती थी वह कुछ कम होती है तथा मानसिक प्रक्रियाये टेस्टोस्टिरोन हार्मोन्स के घर तक नहीं पहुँच पाती इसलिये ये सभ्यता यहाँ की जलवायु के अनुसार थी लेकिन हम सब आधुनिकीकरण की अंधी दौड़ में जलवायु को अनदेखा करके पर्यावरण के खिलाफ धडाधड परिवर्तन किये जिसका भयंकर परिणाम आज देश में जगह जगह बलात्कार तथा शोषण को बढावा दे रहा है ।
हमारे समाज में महिलाओ के साथ बलात्कार तथा शोषण के अनेकों कारण देखने को मिलते है जो समाज की नींव को जड़ से उखाड़ने की भरपूर कोशिश कर रहें हैं लेकिन कहीं न कहीं कुछ परंपराये हमारे समाज का अस्तित्व स्थापित किये हुयें हैं वरना आज का आधुनिकीकरण हमारे संगठित तथा सुव्यवस्थित समाज को अभी तक विघटित कर दिया होता ।
जैसे – पश्चिमी देशों के पहनावे को हमारे देश की महिलाओं द्वारा अपनाये जाना , जो सुव्यवस्थित समाज को असंगठित करता है ।
लेकिन कहीं न कहीं इस पश्चिमी पहनावे में भी जलवायु परिवर्तन का असर नजर आता है क्योकिं पश्चिमी सभ्यता के लोग अपनी जलवायु के अनुसार अपने शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिये इस वेशभूषा को अपनाया होगा लेकिन यदि वही वेशभूषा हम लोग अपनायेगे तब हमें भी अपने शरीर को अपनी जलवायु के अनुसार संतुलन करना होगा लेकिन ऐसा हम नहीं कर पाते और परिणामस्वरूप नतीजा बहुत बुरा प्राप्त होता है ।
इसलिये बलात्कार तथा अन्य शोषणयुक्त अपराधों को रोकने के लिये कठोर कानून तो जरूरी ही हैं साथ ही साथ ऐसे जघन्य अपराधों पर शोध होना भी जरूरी है तथा प्रकृति के नियमों के अनुसार परिवर्तन भी जरूरी हैं जिसके परिणामस्वरूप ऐसे अपराधों का खात्मा किया जा सके जो हमारे समाज तथा आने वाली पीढी के लिये खतरनाक साबित हो ।

ओम नारायण कर्णधार

पिता - श्री सौखी लाल पता - ग्राम केवटरा , पोस्ट पतारा जिला - हमीरपुर , उत्तर प्रदेश पिन - 210505 मो. 7490877265 ईमेल - [email protected]