सामाजिक

दूसरा प्यार

जब आप किसी का दूसरा प्यार होते हैं तब आपसे उम्मीदें कम होती हैं और आपका काम ज्यादा।

आपके हिस्से नही आता वो बेइंतहा प्यार जिसकी आप अपने प्रेमी/प्रेमिका से उम्मीद करते हैं। आपकी किसी कोशिश को वो सराहना नही मिल पाती जिसकी वो हकदार थी। आपके हिस्से आती है बस एक मुस्कान जो शायद आपका दिल रखने के लिए होती है, सिर्फ आपका दिल रखने के लिए। क्योंकि जिसका दिल जीतने की आप कोशिश करते हैं उसका दिल कहीं और होता है।

आपकी हर कोशिश की तुलना की जाती है उस व्यक्ति से जिसको शायद आप जानते भी नही हैं। अगर आप की कोशिश बेहतर हुई तो मुस्कान के साथ आपको उम्मीद दी जाती है की आपको दोबारा कोशिश करने का मौका दिया जाएगा। पर अगर आपकी कोशिश में कमी रह गयी तो एक उलाहना मिलती है कि आप उन जैसे नही हैं और हो भी नही सकते इसलिए कोशिश भी मत कीजिए।

आपको एक टूटा हुआ दिल मिलता है और आपको हमेशा उस टूटे दिल की मरम्मत करनी पड़ती है जिसको जोड़ते जोड़ते एक दिन आप भी टूट जाते हैं।

पर क्योंकि आप उनसे प्यार करते हैं तो आप ये सब जानते हुए भी उनके ज़ख्मों को भरने की कोशिश करते करते ख़ुद के लिए एक घाव तैयार करते रहते हैं।

अब ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि उस घाव का दर्द आप कितना सह सकते हैं।

— अमित ‘मौन’

अमित मिश्रा 'मौन'

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