अमेरिका यात्रा से पीएम मोदी वैश्विक नेता बनकर उभरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पूर्ण हो चुकी है। अब देश के कूटनीतिक व आर्थिक विश्लेषक तथा भारतीय राजनीति के चिंतक एवं सभी वर्गों के लोग इस यात्रा से भारत को क्या मिला, इस विषय पर लंबे समय तक चिंतन करते रहेंगे, लेकिन यह बात तो तय हो चुकी है कि वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ताकतवर वैश्विक नेता के रूप में उभरकर सामने आये हैं। यह पीएम मोदी व उनके रणनीतिकारों का ही कमाल है कि आज वैश्विक मंच पर भारत की बातों को ध्यान से सुना जा रहा है तथा उनका समर्थन व उस पर अमल करने व करवाने का अभूतपूर्व प्रयास किया जा रहा है। चाहे वह जम्मू कश्मीर का मामला हो या फिर पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू करने की बात हो हर जगह भारत और अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नेतृत्व करते दिखायी पड़ रहे हैं। अमेरिका यात्रा के दौरान हाउडी मोदी से लेकर संयुक्तराष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर भाषण को सुनने के लिए पूरा विश्व लालायित हो रहा था तथा अपने टीवी सेटों पर लोग जिस प्रकार से चिपके बैठे रहे वह अपने आप को गर्व से भर देने वाले पल ही थे।
यात्रा के प्रथम चरण में अमेरिका का हयूस्टन शहर हाउडी मोदी जैसे अभूतपूर्व कार्यक्रम का गवाह बन गया। कार्यक्रम को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पीएम हैं या फिर अमेरिका के। जितने लोग उनको सुनने के लिए स्टेडियम के अंदर थे उतने ही बाहर तथा शेष विश्व टीवी चैनलों पर उनको देख-सुन रहा था। उनके भाषण को सुनने के लिए 50 हजार से भी अधिक भीड़ तथा वहां पर जिस प्रकार से मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे वह उनकी लोकप्रियता का मापदंड भी तय कर रहे थे। हाउडी मोदी ने भारत-अमेरिका की दोस्ती को औेर अधिक गहरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टंªप ने जो कुछ बोला वहीं पूरे विश्व का जनमानस सुनने के लिए बैचेन हो रहा था तथा जिसका असर पूरी दुनिया पर ही नहीं दक्षिण एशिया पर भी पडना तय था। मोदी जी की अमेरिका यात्रा व वहां पर जिस प्रकार से पाकिस्तान अलग -थलग पड़ा है वह किसी आश्चर्यजनक परिणाम से कम नहीं है। आज दुनिया का कोई भी देश प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के साथ नहीं खड़ा है। तुर्की के राष्ट्रपति ने कश्मीर को लेकर अपनी अलग बीन बजाने की कोशिश की, तो विदेश मंत्रालय के अधिकारियों व विदेश मंत्री की कूटनीति ने गजब का परिचय देते हुए उसका भी रास्ता निकाल लिया है।
हाउडी मोदी कार्यक्रम के कारण अब अमेरिका पहली बार खुलकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 और 35ए हटाने के फैसले पर भारत के साथ खड़ा हुआ दिखायी पड़ रहा है। वहीं एक बात और स्पष्ट हो गयी है कि अब इस क्षेत्र में पूरी ताकत के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व भारत ही करने वाला है। पीएम मोदी ने जिस प्रकार से कश्मीर को लेकर वहां पर अपना मत रखा उससे अब यह साफ हो गया है कि अब चाहे जा कुछ हो जाये भारत किसी भी प्रकार के दबाव, अभाव व प्रभाव में आकर अपना फैसला बदलने वाला नहीं है। देश की विदेश नीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पीएम मोदी की रैली में उनके भाषण को सुनने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति स्टेडियम मेें पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैली में साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का समय आ गया है और इस लड़ाई में भारत और अमेरिका साथ-साथ मजबूती के से एकजुट हैं । इस पर ट्रंप समेत पूरे स्टेडियम ने खड़े होकर तालियां बजायीं। यह दृश्य बहुत ही भावविभोर व गर्व से भर देने वाला था। यहां पर इस बात की मुहर लग गयी कि इस बार भारत की सेनाएं सांकेतिक सर्जिकल स्ट्राइक आदि नहीं करेगी, जो भी होगा इस बार आतंकवाद के खिलाफ बेहद निर्णायक कदम उठाया जायेगा। पीएम मोदी ने कहा भी कि ये दृश्य अकल्पनीय है। आज एक नया इतिहास और भारत व अमेरिका के बीच परवान चढ़ते रिश्तों को देख रहे हैं। यहां पर नई हिस्ट्री व केमिस्ट्री बन रही है। उन्होंने कहा कि मुश्किलों का अंबार है वहीं तो हमारे हौसलों की मीनार है। भारत अब चुनौतियों को टाल नहीं रहा है अपित उनसे टकरा रहा है। समस्याओं के पूर्ण समाधान पर ध्यान दे रहा है। भारत अब असंभव को संभव कर रहा है। पुरानी मान्यताओं को जड़ से समाप्त कर रहा है।
अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए उन्होंने साफ कहा कि कुछ लोग ऐसे है जिन्हें भारत के फैसले से दिक्कत है। ये वे लोग हैंे जिनसे अपना देश संभल नहीं रहा, जो अशांति चाहते हैं, आतंक के समर्थक हैं, आतंक को पालते-पोसते हैं। उनकी पहचान सिर्फ आप ही नहीं पूरी दुनिया अच्छे से जानती है। इन लोगों ने भारत के प्रति नफरत को ही अपनी राजनीति का केंद्र बना लिया है। इस रैली मेें यह भी साफ हो गया कि आगे आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग बढ़ेगा। नये रक्षा समझौते होंगे। भारत और अमेरिका साझा सैन्य अभ्यास टाईगर ट्रायंफ करने जा रहे हैं। अमेरिका स्पेस फोर्स बनाने जा रहा है जिसमें भारत का अहम सहयोग होगा। भारत को पिछले वर्ष कच्चे तेल व ऊर्जा निर्यात भी 400 प्रतिशत बढ़ा।
हाउडी मोदी निश्चय ही भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को एक नये मुकाम पर ले जायेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कहा कि हम आपसे प्रेम करते हैं हमेशा समर्थन देंगे। उन्होंने भारत और अमेरिका में तेज गति से हो रहे सुधारों व बदलावों की सराहना की। साथ ही बहुत जल्द अपने परिवार के साथ भारत यात्रा के संकेत दिये। अपनी यात्रा के प्रथम चरण में ही पीएम मोदी ने कश्मीरी पंडितों के 17 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की और कहा कि आपने नया कश्मीर बनाने के लिए बहुत कष्ट सहा है, अब ऐसा नहीं होगा। कश्मीरी प्रतिनिध मंडल ने कहा कि सात लाख कश्मीरी पंडित आपके ऋणी रहेंगे। कश्मीरी पंडितों ने नमस्ते शारदा देवी श्लोक भी पढ़ा। करतारपुर कारिडोर खोलने के लिए भी सिख समुदाय ने मोदी जी के प्रति आभार जताया। भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियां अपना निवेश बढ़ाने जा रही हैं।
मोदी जी की अमेरिकी यात्रा का दूसरा सबसे पक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता रही, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने एकदम साफ शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लडने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने पीएम मोदी को जब फाॅदर आॅफ इंडिया कहकर संबोधित किया तब जहां भारतीय जनमानस ने अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया, वहीं देश के अंदर राजनैतिक घमासान हो गया तथा ओवेैसी जैसे नेताओं को यह बात नागवार हो गयी। विरोधी दलों ने भी ट्विटर वार शुरू कर दिया।
मोदी जी की यात्रा का सबसे अहम पड़ाव संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनका संबोधन था जिस पर भी पूरी दुनिया की बारीक नजर रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी में भाषण देते हुए एक बार फिर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मूलमंत्र दोहराया। उन्होंने विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि 2022 तक एक नया भारत खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए जहां दुनिया ने 2030 का लक्ष्य रखा है, वहीं भारत 2025 तक पूरा कर लेगा। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक से भारत को मुक्त कराने का वादा भी दोहराया। पीएम मोदी की बातों पर महासभा में देर तक तालियां बजती रहीं। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता से स्वस्थता तक और शौचालय निर्माण को लेकर चल रही प्रगति का भी उल्लेख किया।
आतंकवाद पर यहां भी पीएम ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अब पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। सबसे बड़ी बात यह रही कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में शिकागों में स्वामी विवेकानंद ने जो भाषण दिया था उसका उल्लेख किया और कहा कि स्वामी जी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय थे। उन्होंने तमिल दार्शनिक कनियन को याद करते हुए कहा कि हमारा संबंध हर जगह और हर किसी से है। साथ ही उन्होंने हिंदी के साथ तमिल भाषा में भी बोलकर भाषायी विवाद को समाप्त करने में बहुत ही सार्थक पहल की है, जिसके कारण आज हिंदी के प्रति दुर्भावना से ग्रसित स्टालिन जैसे नेता मन ही मन अपने आपको शर्मसार अनुभूत कर रहे होंगे। पीएम मोदी अपनी सफलता का सारा श्रेय भारत की 130 करोड़ की आबादी को देतेे हैे। आज एनडीए सरकार की विदेश नीतियों से यह साफ पता चल रहा है कि देश का 72 साल पुराना इतिहास अब बदलाव की ओर है। बहुत जल्दी ही भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। अमेरिका में पीएम मोदी ने गर्व का अनुभव करने के लिए बहुत सारे पल दिये हैं। मोदी जी की यह अमेरिका यात्रा ऐतिहासिक रही है तथा आने वाला समय और भी अधिक ऐतिहासिक होने जा रहा है।
— मृत्युंजय दीक्षित