लावणी छंद – राम राज्य की चाह करें
पहले फूंको कलुष भाव को ,निज दोषों का दाह करें ।
बाद जला रावण का पुतला ,राम राज्य की चाह करें ।
कितने ही दानव सड़कों पर ,रावण बने विचरते हैं ।
और तमाशा देख रहे हम ,कभी कहाँ कुछ करते हैं ।
अपने सब उत्तर दायित्वों का मन से निर्वाह करें ।
बाद जला रावण का पुतला ,राम राज्य की चाह करें ।
अनाचार में लिप्त हुए सब ,तज कर सारी मर्यादा ।
मायावी मारीच दौड़ते ,धरा वेष सीधा-सादा ।
अंध भक्त मत बनो कभी भी ,सत्य कदम की राह करें ।
बाद जला रावण का पुतला ,राम राज्य की चाह करें ।
हत्या चोरी, सीना- जोरी ,व्याप्त देश में आज है ।
पड़ी व्यवस्था गलत हाथ में ,बिन मेहनत बिन काज है ।
नेता बने अयोग्य जब -जब ,विवश सभी जन आह करें ।
बाद जला रावण का पुतला ,राम राज्य की चाह करें ।।
— रीना गोयल ( हरियाणा)