स्नेह दे मां शारदे!
स्नेह दे माँ शारदे, स्नेह दे माँ शारदे |
अज्ञान शिशु स्वर साधना दे,शब्दो में आशीष भर दे |
भाव की सुकमारता माँ,मृदुता भरी लय तान दे ,
सारगर्भित अर्थ दे माँ, काव्य की पहचान दे ,
हो न जाये मान मुझको, दृष्टि ऐसी डार दे |
स्नेह दे माँ शारदे, स्नेह दे माँ शारदे
छोड जग जंजाल माता,ईश का गुण गा सकूँ,
प्रेमभक्ति हो हृदय में, नाथ अपना पा सकूँ ,
करुणा सागर में समाऊँ, करुणा एसी गार दे |
स्नेह दे माँ शारदे ,स्नेह दे माँ शारदे ||
मैं तो लडूंगा आप से,मैं जिद करूँगा आप से,
आप ही जननी हैं मेरी, दूर करिये पाप से,
हे मां सरस्वती ताप नाशिनि, तार दे माँ तार दे,
स्नेह दे माँ शारदे, स्नेह दे माँ शारदे ||
— कालिका प्रसाद सेमवाल