कविता

अच्छे दिन की आस

पहले खुद नियम का पालन करो ,
फिर दूसरे को सिखाओ
पहले खुद एक कदम बढ़ाओ
फिर औरो को बताओ
पहले आप खुद बदलो

फिर औरो को बदलो
अच्छे दिन की आस जल्द पूरी हो जायेगी ||
चाहे माँ या बेटी हो या हो कोई और
सबकी रक्षा खुद करो
फिर औरो से कहो
फैसला पहले खुद करो ,
फिर औरो को फैसला दो
अच्छे दिन की आस जल्द पूरी हो जायेगी ||

अन्याय होता देखकर
डरो और चुप न रहो
पहले खुद आवाज उठाओ फिर औरो से कहो
गलत रास्ते में चलने वाले को छोड़ो
पहले आप रस्ते पे आओ
फिर औरो से कहो
अच्छे दिन की आस जल्द पूरी हो जायेगी ||

फैली और पड़ी गंदगी को साफ करना है तो
पहले आप झाडू उठाओ
फिर औरो से कहो
नियमो का पालन बताने से क्या होगा
पहले खुद करो
फिर औरो से कहो
अच्छे दिन की आस जल्द पूरी हो जायेगी ||
संस्कार और व्यवहार सिखाने से पहले
आप खुद सीखो ,
फिर औरो को सिखाओ
हथियार छोड़ शांति से बात करना
पहले आप सीखो
शांति की बात फिर बताओ
अच्छे दिन की आस जल्द पूरी हो जायेगी ||

— राम नारायण साहू “राज”

राम नारायण साहू "राज"

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