खुशियों के मेले में !!
हँसती थी जब भी जिंदगी
खुशियों के मेले में
फ़िक्र, परेशानी, और
उदासियों के
गुब्बारे उड़ा कर
तालियाँ बजाकर
कोई मन बच्चा हो जाना चाहता था !
हँसती थी जब भी जिंदगी
खुशियों के मेले में
फ़िक्र, परेशानी, और
उदासियों के
गुब्बारे उड़ा कर
तालियाँ बजाकर
कोई मन बच्चा हो जाना चाहता था !