मुस्कान न भूलो कभी
आस न भूलो कभी अरमान न भूलो कभी
सबका दाता एक है भगवान न भूलो कभी
जीवन में आएं हैं तो आएंगी मुश्किलें भी
धैर्य न भूलो कभी मुस्कान न भूलो कभी
खुशियों के वक्त सुहाने गम के बिन फिर आएंगे
बुरा वक्त ये बीतेगा तो अच्छे दिन फिर आएंगे
खिलेंगी फिर कलियां नई नया सवेरा आएगा
फिर से जीवन में रंगों का नया बसेरा आएगा
बरसाएगा तब फूल आसमान न भूलो कभी
धैर्य न भूलो कभी मुस्कान न भूलो कभी
जिंदगी के रास्तों का कोई ठिकाना नहीं
इसके कारनामों से कोई भी अंजाना नहीं
दामन में अपने ये सबकुछ छिपा के रखती है
अपने तरीके से ये सबको सदा परखती है
जिंदगी है एक इम्तिहान न भूलो कभी
धैर्य न भूलो कभी मुस्कान न भूलो कभी
विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली