गीतिका/ग़ज़ल

हज़ल

चेहरे के हाव भाव, इनोसेंट चाहिए
ब्वायफ्रेंड उनको डिफरेंट चाहिए।
हसरतें भी यूँ शेष ना रहें कोई भी
होनी डिमाण्ड पूरी, अर्जेंट चाहिए।
हो रिच पर्सन ही ब्वॉयफ्रेंड उनका
घूमने हेतु इनोवा-परमानेंट चाहिए।
दारु संग सिगरेट भी पीती हैं मैडम
दुर्गंध ना आए इसलिए, सेंट चाहिए।
रोज तोड़ कर जोड़ रही हैं दिल को
ऐसी नीचता के लिए, टैलेंट चाहिए।
गर्लफ्रेंड रखना है सस्ता काम नहीं
क्रेडिट कार्ड, कैश में पेमेंट चाहिए।
फेसबुक पर फालोवर्स भी लाखों में
हर पिक में लाईक्स, कमेंट चाहिए
— आशीष तिवारी निर्मल 

*आशीष तिवारी निर्मल

व्यंग्यकार लालगाँव,रीवा,म.प्र. 9399394911 8602929616