सपना
मैं भी दुनिया देखना चाहती हूँ।
आसमां में ऊँचा उड़ना चाहती हूँ।।
मैंने भी कुछ सपने दिल में संजोए हैं।
उन सपनों के साथ जीना चाहती हूँ।।
मैं प्यार से बोलती तो दुनिया कहती।
मैं भी चिड़िया सी चहकना चाहती हूँ।।
मैं नन्ही परी पापा की दुलारी मैना हूँ।
मम्मी की गोद में ही रहना चाहती हूँ।।
मुझे गर्भ में यूं कत्ल न करो मेरे कोई।
मैं दुनिया मे पहचान बनाना चाहती हूँ।।
इंदिरा कल्पना सुनीता विलियम्स सी।
देश मे नाम रोशन करना चाहती हूँ।।
— कवि राजेश पुरोहित