अन्तर्द्वन्द्व
अन्तर्द्वन्द्व
विचारों के
उठते-गिरते
ज्वारभाटे
मरती संवेदनाएं
सिमटते रिश्ते
बेचैनियां
बदहवासियां
वासनाएं
वर्जनाएं
पल प्रतिपल
मन की
तरंगे
उनका प्रवाह
थमेगा
कब
कहां
कैसे ?
-डा.अरुण निषाद
अन्तर्द्वन्द्व
विचारों के
उठते-गिरते
ज्वारभाटे
मरती संवेदनाएं
सिमटते रिश्ते
बेचैनियां
बदहवासियां
वासनाएं
वर्जनाएं
पल प्रतिपल
मन की
तरंगे
उनका प्रवाह
थमेगा
कब
कहां
कैसे ?
-डा.अरुण निषाद