गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

करें भी अब शिकायत क्या भला हम इस ज़माने से
नहीं कोई यहाँ पीछे किसी को भी सताने से ।

ज़हर इतना लगा घुलने हवाओं में यहाँ पर अब,
कली भी हिचकिचाती है दोबारा खिलखिलाने से।

उदासी हर तरफ़ छाई हुई इतनी न पूछो तो
झिझकता दिल भी कोई गीत प्यारा गुनगुनाने से ।

ज़रा सा मुस्कुरा ले मन भुलाए आँख के आंसू
सभी गम भूल जाते हैं फक़त इक मुस्कुराने से ।

समझ क्यूँ बात ये सबको कभी ना आज तक आई
सुकूं मिलता नहीं इक पल किसी का दिल दुखाने से ।

हमेशा टूटती रहती मेरे सपनों की महफ़िल यूँ
लगे डर ख़्वाब इन नैनों में फिर से अब सजाने से।

अरे अब दौर देखो तो अजब कैसा सा है आया
नहीं खुश लोग होते शीश रब को भी झुकाने से ।

— डाॅ सोनिया

डॉ. सोनिया गुप्ता

मैं डॉ सोनिया गुप्ता (बी.डी.एस; ऍम.डी.एस) चंडीगढ़ के समीप,डेराबस्सी शहर में रहने वाली हूँ! दंत चिकित्सक होने के साथ साथ लिखना मेरा शौंक है! २००५ में पहली बार मैंने कुछ लिखने की कोशिश में अपनी कलम उठाई थी और, आगे ही आगे लिखने का सफर चलता रहा! कुछ कविताएँ हरियाणा की पत्रिका “हरिगंधा में प्रकाशित हुई! मेरी हाल ही में दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुई हैं! मैं अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखती हूँ, और कुछ पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुई! मेरे तीन अंग्रेजी और तीन हिंदी के काव्य संग्रह शीघ्र ही प्रकाशित होने वाले हैं! कवियत्री होने के साथ साथ मुझे चित्रकारी, गायिकी, सिलाई, कढाई, बुनाई, का भी हुनर प्राप्त है! मेरे जीवन की अनुकूल परिस्थितयों ने मुझे इन सब कलाओं का अस्तित्व प्रदान किया! कहते हैं, ”इरादे नेक हों तो सपने भी साकार होते हैं, अगर सच्ची लग्न हो तो रास्ते भी आसान होते हैं”..अपनी लिखी इन्हीं पंक्तियों ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया आगे बढने के लिए ! मेरा हर कार्य मेरे ईश्वर, मेरे माता पिता को समर्पित है, जिनके आशीष से मैं आज इस मुकाम तक पहुंची हूँ ! आशा है मेरी कलम से तराशे शब्द थोड़े बहुत पसंद अवश्य आएँगे सभी को!!!