किसानों पर आफत : उम्मीदों पर पानी फेर रही टिड्डियां
किसान मेहनत से खेत जोत कर खेती करता हैं जो दिन-रात एक कर के बड़े जी जतन से फसल उगाता हैं। फिर भी उसे पूरी मेहनत का फल पूरा नहीं मिल पाता हैं। चाहे कभी बेमौसम बारीश, ओलावृष्टि, या समय से बारिश का न होना, पाला पड़ना, फिर बाजार में उचित भाव का भी नहीं मिलना। और तो ओर अब एक नई आफत ने बला खड़ी कर किसानों की मेहनत खुशी पर पानी फेर रही है वो है टिड्डियां। राजस्थान सहित गुजरात में टिड्डी दल ने तबाही मचाई हुई है जो किसान वर्ग के बहुत ही चिंता का विषय है। राजस्थान प्रदेश में पिछले साल में रूक रूककर चल रहा टिड्डी दल का कहर अब नये साल में भी इस कदर जारी है कि किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे बनी हुई है। इस टिड्डी के हमले से सीमावर्ती बाड़मेर क्षेत्र में कुछ किसान तो सदमे में जान भी दे चुके है। यह टिड्डी दल राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, पाली, बीकानेर, श्री गंगानगर व हनुमानगढ सहित पूरे मारवाड़ में दस्तक दे चुकी है जो किसानों के लिए चिंता का विषय हैं। टिड्डियां फसलों को जमकर नुकसान पहुंचा रही हैं। किसान काफी परेशान है। पहले किसान खरीफ फसलों में नुकसान का खामियाजा भुगत चुके हैं और अब रबी सीजन की फसल खराब होने से परेशान हैं। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों ने काश्तकारों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। हालांकि टिड्डियों को नियंत्रित करने की कोशिश भी लगातार जारी हैं। टिड्डी नियंत्रण टीम, कृषि विभाग, सिविल डिफेंस, किसान सभी मिलकर टिड्डियों का खात्मा करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में खेतों में दोहरी स्थितियां बनी हुई हैं। कहीं टिड्डियों की मार से किसानों को फसल खराबे का सामना करना पड़ रहा है तो कहीं कीटनाशकों का असरकारी छिड़काव होने से अब टिड्डियां पर मार भी पड़ रही हैं। जैसलमेर में जिला मुख्यालय के आसपास के क्षेत्र में टिड्डी दल का हमला लगातार जारी है। पाली, बाड़मेर, सिरोही के साथ अन्य कई स्थानों पर टिड्डियों का कहर जारी है। हालांकि टिड्डियां पहुंचने की जानकारी मिलते ही किसान और टीमें एक्टिव हो जाती हैं और किसान अपने संसाधन लेकर टिड्डी दल के पड़ाव स्थल पहुंचते हैं और टिड्डियों को चारों तरफ से घेरकर कीटनाशक का स्प्रे किया जा रहा है। किसान दिन के साथ ही इस सर्दी में रात में भी कीटनाशक का छिडक़ाव कर रहे हैं। ताकि टिड्डियों का खात्मा किया जा सके। हालांकि कई स्थानों पर टिड्डियों के नियंत्रण में सरकारी सहायता नहीं मिलने से किसानों में नाराजगी भी है। टिड्डी दल के बढ़ते प्रभाव से किसान वर्ग बुरी तरह से आफत से परेशानी में हैं। आपको बता दें कि रबी फसलों में खाद और सिंचाई के इस समय में आसमानी आफत बनी हुई टिड्डियों से मुकाबला करना पड़ रहा है। बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, पाली, जोधपुर, बीकानेर व श्री गंगानगर जिले के खेतों में टिड्डियों के दल पहुंचने की सूचना जैसे ही मिली, खेतो में पेड़ो पर बैठी टिड्डियों को मारने के लिए प्रशासन और किसान एकजुट हो गए। सभी जिलों में जिला कलक्टर के आदेशों की अनुपालना में टिड्डी दल को समाप्त करने के लिए टीमें सभी जगह सक्रिय हो गईं और कार्य शुरू कर दिया। इस दौरान टिड्डियों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा हैं। पिछले साल से जारी हमले –
दरअसल, राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में मई 2019 से ही टिड्डियों का कहर बना हुआ है। टिड्डियां कई बीघा एरिया में फसलों को तबाह कर चुकी हैं। टिड्डियों की घुसपैठ पाकिस्तान से हुई। उस समय टिड्डियों को नियंत्रित करने की काफी कोशिश की गईं लेकिन इन पर ठीक से नियंत्रण नहीं पाया जा सका। सर्दी शुरू होने के बाद टिड्डियों का आतंक और बढ़ गया। जिसने किसानों के साथ ही सरकार की नाक में दम कर रखा है। कृषि विभाग की ओर से टिड्डियों के नियंत्रण के लिए किसानों को सहकारी खरीद केन्द्र से निर्धारित कीमत का कीटनाशक बिना शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बहरहाल किसान वर्ग के लिए इनको हुए टिड्डी दल के कारण हुए नुकसान को लेकर सरकारी स्तर पर कार्य तेजी से आगे बढ़ाते हुए टिड्डी दल पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके चलते किसानों कुछ राहत मिल रही हैं। अब जरूरत है कि सरकार सभी टिड्डी दल से प्रभावित क्षेत्रों का जल्द सर्वे कराकर किसानों को समुचित लाभ दिया जाए।
— सूबेदार रावत गर्ग उण्डू ‘राज’