कविता

मेरे देश की मातृभूमि महान

सबसे प्यारा मेरा भारत देश महान ।
रंग-रंगीली संस्कृति मेरे देश की शान।।
यह देश मेरा स्वर्ग की भूमि है ।
और अमृत जिस देश का पानी है ।।
यहां का हर बच्चा जैसे भगत सिंह
और मेरी हर बहनें झाँसी की रानी है।।
हम मिलकर रहते है देश के निवासी ।
है बहुत गौरवपूर्ण जिसकी कहानी है।।
मेरा देश जहां का हर पिता ईश्वरतुल्य है ।
और मेरी हर माता माँ भवानी सी है ।।
इस देश में क्षमाशीलता दया धर्म का मूल हैं ।
यहां सबसे प्यारी संस्कृति जिस मुझे गर्व हैं ।।
जहाँ के हर नौजवान में जोश और उमंग हैं ।
और बूढों पर भी जवानी की अंगड़ाई है ।।
सुख-चैन की नदिया जहाँ बहती भरपूर है ।
यहां रहते मिलजुलकर सधर्म भाई समान है ।।
मेरे भारत देश में धर्मों में विभिन्नता मे एकता हैं ।
सब प्रेम से रहते धर्मवीर गंतव्य सभी का एक है ।।
यह कितनी पावन धरा हैं मेरे देश भारत की हैं ।
‘रावत’ जहाँ जन्म लेना बहुत गर्व हर्ष अपार हैं ।।
✍🏻 सूबेदार रावत गर्ग उण्डू  ‘राज’

रावत गर्ग ऊण्डू

सहायक उपनिरीक्षक - रक्षा सेवाऐं, स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी निवास - RJMB-04 "श्री हरि विष्णु कृपा" ग्राम - श्री गर्गवास राजबेरा, पोस्ट - ऊण्डू, तहसील -शिव, जिला - बाड़मेर 344701 राजस्थान संपर्क सूत्र :- +91-9414-94-2344 ई-मेल :- [email protected]